अब 294 अवैध कॉलोनियां होंगी नियमित, MCG ने शुरू कराया सर्वे
- नगर निगम ने अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराना शुरू किया, नियमित हो चुकी कॉलोनियों में होगा 800 करोड़ से विकास
Gurugram News Network- नगर निगम की ओर से अब शहर की 294 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के का प्लान शुरू कर दिया गया है। इन अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार कर इनका सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। डीटीपी सुमित मलिक ने बताया कि सर्वे का कार्य एजेंसी को देते हुए दो सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
एजेंसी अपनी सर्वे रिपोर्ट नगर निगम की प्लानिंग ब्रांच को देगी। यहां पर सर्वे की फाइनल रिपोर्ट तैयार करके मंजूरी के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को डायरेक्टर को भेजा जाएगा। इसके अलावा हाल ही में वैध हुई जिले की 21 कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू किए जा रहे हैं। इनके विकास कार्यों के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। सरकार की ओर से 21 कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा को दो सप्ताह बीतने के बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है। नगर निगम को इन नियमित हुई कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू करने के लिए नोटिफिकेशन का इंतजार है।
नोटिफिकेशन आने के बाद ही विकास का प्लान तैयार किया जाएगा। नगर निगम ने अब शहर के नवंबर 2022 में बढ़ाए गए एरिया के अलावा पुराने एरिया की बची हुई कॉलोनियों का सर्वे करवाया है। सर्वे के दौरान एरिया की लोकेशन, एरिया में बने मकानों की संख्या, गलियां, रोड व अन्य सुविधाओं में क्या मौजूदा स्थिति है इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
हाल ही में प्रदेश की नियमित हुई 200 से ज्यादा कॉलोनियों में विकास के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2 हजार करोड़ रुपए से विकास कार्य कराए जाने की बात कही है। न्यू पालम विहार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इसमें से 800 करोड़ रुपए के विकास कार्य अकेले गुरुग्राम में ही किए जाने हैं। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। जल्द ही धरातल पर कार्य शुरू हो जाएगा।
इसके अलावा जो कॉलोनियां नियमित होने से बच गई हैं उन्हें नियमित करने के लिए एक बार फिर फिजिबिलिटी देखी जा रही है और उनमें जो भी कमियां हैं उन्हें दूर कर जल्द ही नियमित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्र को भी नियमित करने के लिए उनसे इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने मुलाकात की है, लेकिन पिछले चार साल से वह इन औद्योगिक क्षेत्रों का सर्वे कराकर रिपोर्ट सब्मिट नहीं कर पाए हैं जिसके कारण उन्हें नियमित करने की फाइल लंबित पड़ी है।